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चितामा चित् खाई चटचट गरी देहममता डढी जाँदा हाँस्यो बहुत खुशि भै खिस्स समता।लिई खाली सानू स्मरणमय बत्ती पिलिपिली विधाताको कालो विलयविधि हाँस्यो हिलिहिली।।32।।