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चरीले छादेको फगत दुइ थोपा रगतमा डुबेकी नै देखें सकल पृथिवी त्यो बखतमा।दिशा देखें मैला, वरपरि सबै शैल धमिला नदी देखें काली शिव शिव उनै पुण्यसलिला।।4।।